क्यों होती है किडनी फेल? क्या है इसके पीछे कारण
मनुष्य के शरीर के कुछ अंग ऐसे हैं जिनमे जरा सी भी गड़बड़ हो जाये तो फिर शरीर में बहुत गड़बड़ हो सकती है। किडनी भी एक ऐसा ही अंग है जिसकी जरुरत शरीर को बहुत ज्यादा होती है। शरीर को ठीक तरीके से चलाने के लिए किडनी का ठीक से काम करना बहुत जरुरी है। आजकल हर किसी की व्यस्त जीवनशैली है और इसी व्यस्त जीवनशैली में हमारा खान पान भी बहुत बिगड़ चुका है।
इस जीवनशैली की वजह से शरीर कई रोगो का घर बनता जा रहा है। कुछ बीमारियां तो खुद ठीक हो जाती है या फिर कुछ इलाज करवाने के बाद ठीक हो जाती है लेकिन कुछ बीमारियां ऐसी हैं जो की ऐसे ठीक नहीं होती। ऐसी ही एक एक बीमारी है किडनी फेल। किडनी फेल हो जाये तो दो ही विकल्प बचते हैं — पहला है किडनी डायलिसिस और दूसरा है किडनी ट्रांसप्लांट। आज हम अपने इस ब्लॉग के माध्यम से जानेंगे की किडनी फेल के पीछे क्या कारण हैं और इसके लक्षण क्या हैं।
किडनी फेल क्या है
किडनी फेल या किडनी फेलियर एक तरह की किडनी की बीमारी है जिसमे किडनी अपना काम ठीक से नहीं कर पाती। इस बीमारी में किडनी हमारे रक्त में मौजूद विषाक्त पदार्थो को निकालने में विफल हो जाती है। जब किडनी अपना काम काम करने में असफल रहती है तो इसकी वजह से शरीर को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। किडनी फेल की बीमारी में डायलिसिस या फिर किडनी ट्रांसप्लांट ही एकमात्र इलाज है। किडनी डायलिसिस हफ्ते में 1 से 3 बार करवाना पड़ सकता है जबकि किडनी ट्रांसप्लांट एक बार ही करना होता है।
किन कारणों से होती है किडनी फेल
मानव शरीर पूरे जीवन में कई बीमारियों की चपेट में आता है। कई बीमारियां जीवन के लिए घातक नहीं और कई बीमारियां जीवन के लिए घातक हैं। ऐसी ही एक बीमारी है किडनी फेल। किडनी फेल हो जाये तो या तो डायलिसिस करवाना पड़ता है या फिर किडनी ट्रांसप्लांट। इन दोनों के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं है। किडनी फेल होने के पीछे एक तो हमारी ख़राब जीवनशैली है और एक कारण है कुछ बीमारियां।
डायबिटीज: डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जो की हमारे शरीर के लिए बहुत घातक है। इस बीमारी का सीधा असर हमारे शरीर की किडनी पर होता है। डायबिटीज में शरीर में ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है और शरीर में ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाने पर किडनी फेल का खतरे भी बढ़ जाता है। होता ये है की जब हमारे शरीर में शुगर की मात्रा ज्यादा हो जाती है तो यह शुगर खून में घुल जाती है।
जब यह खून किडनी में फ़िल्टर होने के लिए जाता है तो यह किडनी के फ़िल्टर सेल्स को नुक्सान पहुँचाना शुरू कर देता है। धीरे धीरे ये प्रक्रिया जब बढ़ती जाती है तो धीरे धीरे हमारे शरीर की किडनी कमज़ोर होकर फेल होने की कगार पर पहुँच जाती है। इसलिए अगर किडनी को फेल होने से बचाना है तो शुगर को कण्ट्रोल रखना जरुरी है।
UTI: UTI मतलब यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन। यह बीमारी भी किडनी से जुडी हुई है और किडनी फेल होने का कारण बन सकता है। UTI शरीर के मूत्र मार्ग की एक बीमारी है। कई बार ऐसा होता है कि मूत्र मार्ग का संक्रमण बढ़ जाता है और किडनी तक पहुँच जाता है। इस समस्या से किडनी के सेल्स डैमेज हो सकते हैं और इसके परिणामस्वरूप किडनी फेल हो सकती है।
High BP: जिस तरह डायबिटीज किडनी फेलियर का कारण बनता है ठीक उसी तरह एक और बीमारी है जो की आगे चल कर किडनी फेल का कारण बन सकती है। इस बीमारी का नाम है High BP. जब शरीर का ब्लड प्रेशर बढ़ता है तो उसका सीधा असर ब्लड आर्टरीज पर पड़ता है। इस की वजह से किडनी में मौजूद रक्त कोशिकाएं डैमेज हो जाती है और इसी वजह से किडनी फेल होने का जोखिम बढ़ जाता है।
क्या है Kidney Fail का इलाज
किडनी जब फेल हो जाती है तो फिर शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में यह विषाक्त पदार्थ शरीर के अंदर रहते हैं और नतीजन शरीर पर बुरा असर होता है। किडनी फेल के केस में सिर्फ दो ही विकल्प रह जाते हैं — किडनी डायलिसिस और दूसरा है किडनी ट्रांसप्लांट। अगर आप डायलिसिस चुनते हैं तो आपको हफ्ते में 2 से 3 बार डायलिसिस करवाना पड़ता है। यह प्रक्रिया ज़िन्दगी भर चलती है या तब तक जब तक आप किडनी ट्रांसप्लांट न करवा लें। किडनी फेल का दूसरा इलाज है किडनी ट्रांसप्लांट। इस केस में खराब किडनी को शरीर से निकाल कर दूसरी (किसी अन्य की) किडनी लगाई जाती है।
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